20वीं आसियान-भारत आर्थिक मंत्रियों की बैठक 21 अगस्त 2023 को सेमारंग, इंडोनेशिया में आयोजित की गई थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त सचिव, राजेश अग्रवाल ने बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसकी उन्होंने इंडोनेशिया के व्यापार मंत्री डॉ. ज़ुल्किफली हसन के साथ सह-मेजबानी की।
बैठक में सभी 10 आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशन) देशों यानी ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम के आर्थिक मंत्रियों या उनके प्रतिनिधियों ने भाग लिया। लोकतांत्रिक गणराज्य तिमोर-लेस्ते भी पर्यवेक्षक के रूप में बैठक में शामिल हुआ।
सचिव ने बाद में भारत और आसियान के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों की समीक्षा की और भारत और आसियान के बीच आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने और बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
भारत और आसियान ने 2022-23 में 131.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार दर्ज किया है । 2022-23 में आसियान के साथ व्यापार भारत के कुल वैश्विक व्यापार का 11.3% हिस्सा था।
इंडोनेशिया वर्तमान में आसियान का अध्यक्ष है और 2023 में आसियान और भारत से संबंधित सभी बैठकों की मेजबानी इंडोनेशिया द्वारा की जा रही है।
भारत-आसियान सम्बन्ध
90 के दशक में नरसिम्हा राव सरकार की पूर्व की ओर देखो, विदेश नीति के अनुसार, भारत सरकार ने पूर्वी एशिया विशेष कर आसियान के साथ व्यापार और निवेश बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया।
1992 में आसियान द्वारा भारत को शुरू में एक क्षेत्रीय भागीदार बनाया गया था।
संबंधों में बढ़ती गहराई के साथ भारत को 1996 में एक संवाद भागीदार में बदल दिया गया था।
2002 में संबंध को शिखर स्तर तक उन्नत किया गया और अंतत: 2012 में इसे सामरिक साझेदारी के स्तर में बदल दिया गया।
इसकी स्थापना 1967 में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के एक समूह के रूप में की गई थी।
इस समय ग्रुप में 10 सदस्य हैं।
वे हैं: ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम।
आसियान का मुख्यालय: जकार्ता, इंडोनेशिया