भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों की 23वीं बैठक 18 दिसंबर 2024 को बीजिंग, चीन में आयोजित की गई। भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों की पिछली 22वीं बैठक 21 दिसंबर 2019 को नई दिल्ली में हुई थी। इस प्रकार, दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच पांच साल बाद बैठक हुई।
भारतीय पक्ष का नेतृत्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत कुमार डोभाल ने किया और चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और विदेश मामलों के मंत्री वांग यी ने किया।
जून 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीमा संघर्ष के कारण भारत और चीन के बीच बातचीत बाधित हुई थी। इस खूनी संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक और चार चीनी सैनिक मारे गए थे।
इस खूनी संघर्ष के बाद, दोनों पक्षों के सम्बन्धों में दरार आ गई और दोनों देशों के बीच सभी द्विपक्षीय वार्ताएँ रोक दी गईं।
अक्टूबर 2024 में, दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच एक समझौता हुआ, जिसके कारण लद्दाख क्षेत्र में अग्रिम पंक्तियों से चीनी सैनिकों की वापसी हुई और दोनों देशों के सैनिकों द्वारा सीमा पर गश्त फिर से शुरू हुई।
इस समझौते के बाद , भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाक़ात अक्टूबर 2024 में रूस के कज़ान में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की बैठक के दौरान हुई। दोनों नेताओं ने सीमा प्रश्न का निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान तलाशने के लिए दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय वार्ता फिर से शुरू करने का निर्णय लिया।
भारत चीन के साथ 3488 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है जो केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है।
भारत और चीन के बीच सीमा के पश्चिमी हिस्से लद्दाख में और पूर्वी क्षेत्र में अरुणाचल प्रदेश के साथ सीमा विवाद है।
1962 में सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ था।
सीमा विवाद को सुलझाने के लिए 2003 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की चीन यात्रा के दौरान 2003 में दोनों देशों के बीच समझौता हुआ था।
भारत-चीन सीमा विवाद पर 2003 में दोनों देशों के बीच एक विशेष प्रतिनिधि तंत्र स्थापित किया गया था।
विशेष प्रतिनिधि तंत्र की बैठक में भारतीय पक्ष का नेतृत्व हमेशा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार द्वारा किया जाता है।
बीजिंग में हुई बैठक के दौरान भारत और चीन निम्नलिखित बिंदुओं पर सहमत हुए।
16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बारे में पढ़ें
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