विश्व बैंक ने 2 अप्रैल 2024 को जारी अपनी द्वि-वार्षिक रिपोर्ट "साउथ एशिया डेवलपमेंट अपडेट" में 2024-25 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अपने विकास दर के अनुमान को बढ़ाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया है। पिछली रिपोर्ट में, वित्त वर्ष 25 (2024-25)में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 6.4% की वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया था। विश्व बैंक ने भारतीय आर्थिक विकास दर को उन्नत करने के कारण के रूप में अर्थव्यवस्था में सार्वजनिक निवेश में वृद्धि का हवाला दिया।हालाँकि, विश्व बैंक ने 2023-24 के लिए 7.5% की वृद्धि दर का अनुमान लगाया है, जो राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के 7.6 प्रतिशत से कम है।
प्रमुख संस्थानों/एजेंसियों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर के बारे में पूर्वानुमान।
विश्व बैंक के अनुसार भारतीय आर्थिक प्रदर्शन अगले वर्षों में गति पकड़ने से पहले 2024-25 में मध्यम रहेगा। विश्व बैंक ने भविष्य में भारतीय अर्थव्यवस्था के अनुमानित उच्च विकास दर के लिए कुछ कारणों का उल्लेख किया गया है।
भारतीय अर्थव्यवस्था संभावित समस्या
जनसांख्यिकीय लाभांश से तात्पर्य किसी देश में घटती प्रजनन दर और उसकी आबादी में कामकाजी लोगों की बढ़ती संख्या के कारण आर्थिक विकास की संभावना से है। इससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि आश्रित लोगों (गैर कामकाजी आबादी जैसे बच्चे और बूढ़े लोग) की संख्या का बोझ कामकाजी लोगों पर कम होता है।
भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है। यूएनएफपीए (यूनाइटेड नेशन फंड फॉर पॉपुलेशन एक्टिविटीज) स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट 2023 के अनुसार,2020 में भारत की कामकाजी आबादी, जिसमें 15-64 आयु वर्ग शामिल है, कुल आबादी का 68% है।
यूएनएफपीए की रिपोर्ट इस तथ्य पर भी प्रकाश डालती है कि भारत दुनिया की सबसे युवा आबादी में से एक है। 2020 में भारत की औसत आयु 28 वर्ष है जबकि चीन और अमेरिका की औसत आयु 37 वर्ष है। पश्चिमी यूरोप में औसत आयु 45 वर्ष है और जापान में 49 वर्ष है।
भारत में कार्यशील आयु की जनसंख्या 15 वर्ष से 59 वर्ष है।
हालाँकि, युवा कामकाजी आबादी का लाभ उठाने के लिए सरकार को एक सही नीति बनाने की आवश्यकता है जो युवाओं को आर्थिक विकास में योगदान करने के अवसर प्रदान कर सके।
विश्व बैंक
अध्यक्ष: अजय बंगा
मुख्यालय: वाशिंगटन डी.सी., संयुक्त राज्य अमेरिका
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