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भारत पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि की समीक्षा और संशोधन करना चाहता है

Utkarsh Classes Last Updated 20-09-2024
India seeks to review and Modify the Indus Water Treaty with Pakistan Agreements and MoU 6 min read

भारत सरकार ने 30 अगस्त 2024 को पाकिस्तान सरकार को एक नोटिस भेजा है, जिसमें "मौलिक और अप्रत्याशित" परिवर्तनों के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित 1960 की सिंधु जल संधि की समीक्षा और संशोधन करने की मांग की गई है। इससे पहले 2023 में भारत सरकार ने सिंधु जल संधि में संशोधन की मांग करते हुए पाकिस्तान सरकार को नोटिस भी भेजा था। मौजूदा नोटिस में सिंधु जल संधि की समीक्षा की बात कही गई है और भारत इस संधि पर दोबारा बातचीत करना चाहता है।

सिंधु जल संधि के बारे में 

विश्व बैंक की मध्यस्थता में सिंधु जल संधि पर 19 सितंबर 2024 को पाकिस्तान के कराची में प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अयूब खान द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। 

  • संधि के तहत, सिंधु नदी और उसकी पांच सहायक नदियों- ब्यास, सतलज, रावी, झेलम और चिनाब का पानी भारत और पाकिस्तान के बीच बांटा जाना था।
  • संधि के अनुसार, भारत को सतलुज, ब्यास और रावी नदियों को विकसित करने का अधिकार है, जबकि पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों को विकसित करने का अधिकार है।
  • इस प्रकार, संधि ने सिंधु और उसकी सहायक नदियों द्वारा लाए गए पानी का 70 प्रतिशत पाकिस्तान को आवंटित किया, जबकि 30 प्रतिशत भारत को आवंटित किया गया।
  • संधि के प्रावधानों के अनुसार, भारत पाकिस्तान को आवंटित नदियों का विकास कर सकता है, लेकिन पाकिस्तान के लिए नदी के पानी का प्रवाह कम नहीं किया जाएगा।

जल पर विवाद 

  • जम्मू-कश्मीर में भारत द्वारा बनाई जा रही दो जलविद्युत परियोजनाएं भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद में हैं।
  • भारत बांदीपोरा जिले में झेलम की सहायक नदी किशनगंगा पर 330 मेगावाट की किशनगंगा जलविद्युत परियोजना और किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर 850 मेगावाट की रतले जलविद्युत परियोजना का निर्माण कर रहा है।
  • दोनों रन-ऑफ-रिवर परियोजनाएं हैं, जिसका अर्थ है कि पानी को संग्रहित करने के लिए कोई बांध नहीं बनाया जाता है, और पहाड़ी ढलान पर पानी के प्राकृतिक प्रवाह का उपयोग, बिजली पैदा करने के लिए किया जाता है।
  • पाकिस्तान इन नदी परियोजनाओं पर आपत्ति जता रहा है क्योंकि उसे लगता है कि भारत सिंधु जल संधि के प्रावधानों का उल्लंघन कर रहा है।

सिंधु जल संधि के तहत विवाद समाधान तंत्र 

सिंधु जल संधि के तहत, दोनों देशों के बीच त्रिस्तरीय विवाद समाधान तंत्र है। 

  • पहला चरण दोनों देशों के बीच सिंधु जल आयुक्तों की बैठक है। 
  • यदि दोनों देश सहमत होने में विफल रहते हैं, तो वे विश्व बैंक से संपर्क करते हैं, जो एक तटस्थ विशेषज्ञ की नियुक्ति करता है। 
  • तीसरे और अंतिम चरण में, मामला नीदरलैंड के हेग में स्थित स्थायी मध्यस्थता न्यायालय को भेजा जाता है।

2015 में, पाकिस्तान ने इस विवाद पर एक तटस्थ विशेषज्ञ नियुक्त करने के लिए विश्व बैंक से संपर्क किया, लेकिन बाद में अपनी याचिका वापस ले ली और स्थायी मध्यस्थता न्यायालय का विकल्प चुना। भारत ने इसका विरोध किया और इसके बदले एक तटस्थ विशेषज्ञ की मांग की।

2022 में, विश्व बैंक ने दोनों ,तटस्थ विशेषज्ञ और  स्थायी मध्यस्थता न्यायालय प्रक्रियाओं को शुरू करने का निर्णय लिया। 

भारत ने मामले को स्थायी मध्यस्थता न्यायालय में भेजने का विरोध किया क्योंकि यह सिंधु जल संधि की प्रक्रिया के खिलाफ था और उसने इसकी कार्यवाही में भाग लेने से इनकार कर दिया है।

भारत संधि में बदलाव क्यों चाह रहा है?

  • भारत ने सिंधु जल संधि के अनुच्छेद XII(3) के तहत पाकिस्तान को नोटिस भेजा है, जो समय-समय पर दोनों पक्षों द्वारा सहमत संधि में संशोधन का प्रावधान करता है।
  • भारत के अनुसार 1960 की तुलना में परिस्थितियों में मूलभूत एवं अप्रत्याशित परिवर्तन आये हैं। 
  • भारत के अनुसार क्षेत्र की जनसंख्या जनसांख्यिकी, जलवायु परिवर्तन के कारण पर्यावरणीय मुद्दों और भारत को अपने कार्बन उत्सर्जन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा के विकास में तेजी लाने की आवश्यकता के कारण  परिस्थितियों में मूलभूत एवं अप्रत्याशित बदलाव आया है। 
  • भारत ने भारत में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद और जल विवादों को सुलझाने में उसकी हठधर्मिता के कारण द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ने वाले प्रभाव को भी एक प्रमुख कारण के रूप में इंगित किया है।

FAQ

उत्तर: 1960 में कराची, पाकिस्तान में पंडित जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अयूब खान द्वारा।

उत्तर: सतलज, रावी और ब्यास। पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब मिली हैं।

उत्तर: विश्व बैंक ने

उत्तर: किशनगंगा नदी जो झेलम नदी की एक सहायक नदी है और जम्मू और कश्मीर के बांदीपोरा जिले में स्थित है।

उत्तर: चिनाब नदी प्र जो जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में स्थित है।
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