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अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन परिषद् के लिए भारत पुनः चुना गया

Utkarsh Classes Last Updated 02-12-2023
India Re-Elected To The International Maritime Organization Council International Organisations 7 min read

लंदन में 1 दिसंबर 2023 को हुए चुनाव में भारत को अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) परिषद के 2024-25 द्विवार्षिक सत्र के लिए पुनः चुन लिया गया है। 

आईएमओ परिषद की 33वीं सभा:  

  • आईएमओ परिषद की 33वीं सभा 27 नवंबर से 6 दिसंबर 2023 के बीच लंदन स्थित आईएमओ मुख्यालय में आयोजित की जा रही है। 
  • परिषद आईएमओ का एक कार्यकारी निकाय है जो कि संगठन के काम-काज की निगरानी के लिए उत्तरदायी होते हैं। 

भारत अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार में सर्वाधिक रूचि रखने वाले देशों में शामिल:  

  • भारत अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार में सर्वाधिक रूचि रखने वाले दस देशों की श्रेणी में आता है।
  • भारत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भी 'अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार में सर्वाधिक रुचि' वाले 10 देशों में शामिल है। 
  • भारत को इस परिषद में पुनः चुने जाने पर ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने कहा कि यह वैश्विक समुद्री संचालनों में भारत के विविध योगदान को बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 
  • लंदन में श्रेणी ‘बी' में आईएमओ परिषद के लिए चुनाव में सर्वाधिक वोट के साथ हमें फिर से चुना गया, जिससे आईएमओ में भारत की निरंतर सेवा का एक गौरवपूर्ण और अटूट रिकॉर्ड बरकरार रहा। 
  • यह पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से हाल के वर्षों में देश के घरेलू नौवहन क्षेत्र के तेजी से विस्तार और विकास और वैश्विक समुद्री संचालन में भारत के विविध योगदान को बढ़ाने के लिए दी गई उच्च प्राथमिकता को दर्शाता है।

अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ):  

  • स्थापना: 17 मार्च 1948 (जिनेवा सम्मेलन के दौरान एक समझौते के द्वारा की गई)।
  • मुख्यालय: लंदन
  • वर्तमान में आईएमओ के कुल 175 सदस्य तथा 3 एसोसिएट सदस्य हैं।
  • आईएमओ संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष संस्था है, इसकी पहली बैठक इसके स्थापना के लगभग 10 वर्षों पश्चात् वर्ष 1959 में हुई थी।
  • आईएमओ एक अंतर्राष्ट्रीय मानक-निर्धारण प्राधिकरण है जो मुख्य रूप से अंतर्राष्ट्रीय नौवहन (शिपिंग) की सुरक्षा में सुधार करने और जहाज़ों द्वारा होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए उत्तरदायी है।
  • आईएमओ अपनी नीतियों को लागू करने के लिए ज़िम्मेदार नहीं है और न ही आईएमओ के पास नीतियों के प्रवर्तन हेतु कोई तंत्र मौजूद है।
  • आईएमओ का मुख्य कार्य शिपिंग उद्योग के लिए एक ऐसा नियामक ढाँचा तैयार करना है जो निष्पक्ष एवं प्रभावी हो तथा जिसे सार्वभौमिक रूप से अपनाया व लागू किया जा सके।

आईएमओ की संरचना एवं कार्यप्रणाली: 

  • आईएमओ में एक सामान्य सभा, एक परिषद और पाँच मुख्य समितियाँ हैं।

आईएमओ की सामान्य सभा: 

  • यह आईएमओ का सर्वोच्च प्रशासनिक निकाय है। इसमें सभी सदस्य राष्ट्र शामिल होते हैं और प्रति 2 वर्ष में एक बार सत्र का आयोजन किया जाता है; किंतु यदि आवश्यकता हो तो विशेष परिस्थितियों में एक असाधारण सत्र भी आयोजित किया जा सकता है। 
  • सामान्य सभा मुख्य रूप से संगठन के कार्यक्रम को मंज़ूरी देने, बजट पर मतदान करने और संगठन की वित्तीय व्यवस्था का निर्धारण करने के लिये उत्तरदायी होती है। सामान्य सभा संगठन के परिषद का भी चुनाव करती है।

आईएमओ का परिषद: 

  • परिषद को सामान्य सभा के प्रत्येक नियमित सत्र के पश्चात्, दो वर्षों के लिए सामान्य सभा द्वारा ही चुना जाता है। यह आईएमओ का कार्यकारी निमय है जो कि संगठन के कार्य की देखरेख के लिए उत्तरदायी होती है।
  • परिषद में कुल 40 सदस्य होते हैं, जिन्हें तीन श्रेणी (A, B तथा C श्रेणी) में बाँटा जाता है।

आईएमओ की पाँच समितियाँ: 

  1. समुद्री सुरक्षा समिति
  2. समुद्री पर्यावरण संरक्षण समिति
  3. कानूनी समिति
  4. तकनीकी सहयोग समिति
  5. सुविधा समिति
  • आईएमओ की ये पाँचों समितियाँ मुख्य रूप से नीतियाँ बनाने और विकसित करने, उन्हें आगे बढ़ाने और नियमों तथा दिशा-निर्देशों को लागू करने का कार्य करती हैं।

आईएमओ और भारत: 

  • भारत, आईएमओ में वर्ष 1959 में ही शामिल हुआ था। वर्तमान में भारत संगठन की परिषद के सदस्यों की श्रेणी (B) में आता है। इसकी तीन श्रेणियां हैं: 
  • श्रेणी (A): इसमें वे देश शामिल हैं जिनका सबसे अधिक हित अंतर्राष्ट्रीय नौवहन सेवाओं से जुड़ा हुआ है। 
    • अंतर्राष्ट्रीय नौवहन सेवाएं प्रदान करने में सबसे अधिक रुचि रखने वाले दस  देश- इटली, जापान, नॉर्वे, पनामा, कोरिया गणराज्य, रूसी संघ, चीन, ग्रीस, यूके और उत्तरी आयरलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका हैं।
  • श्रेणी (B): इसमें वे देश शामिल हैं जिनका सबसे अधिक हित अंतर्राष्ट्रीय समुद्री व्यापार से जुड़ा हुआ है। 
    • इसमें भारत, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन, संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं।
  • श्रेणी (C): इसमें वे देश शामिल जिनका समुद्री व्यापार और नेवीगेशन से विशेष हित जुड़ा हुआ है। 
    • इसमें बेल्जियम, चिली, साइप्रस और डेनमार्क इत्यादि देश शामिल हैं।

FAQ

Answer:- भारत को अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) परिषद के लिए लंदन में 1 दिसंबर 2023 को हुए चुनाव में 2024-25 द्विवार्षिक सत्र के लिए सर्वाधिक वोट के साथ पुनः चुन लिया गया।

Answer:- भारत को अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) परिषद के लिए लंदन में 1 दिसंबर 2023 को हुए चुनाव में 2024-25(द्विवार्षिक सत्र) दो वर्षो के लिए पुनः चुन लिया गया।

Answer:- अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) का मुख्यालय लंदन में स्थित है।

17 मार्च 1948 (जिनेवा सम्मेलन के दौरान एक समझौते के द्वारा की गई) में अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) की स्थापना की गई।

वर्तमान में आईएमओ के कुल 175 सदस्य तथा 3 एसोसिएट सदस्य हैं।
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