रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 25 सितंबर, 2023 को अपनी तरह की पहली ड्रोन प्रदर्शनी सह-प्रदर्शन “भारत ड्रोन शक्ति 2023” का उद्घाटन गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) के वायु सेना स्टेशन, हिंडन में किया।
दो दिवसीय इस ‘भारत ड्रोन शक्ति 2023’ का आयोजन 25 से 26 सितंबर, 2023 तक किया जा रहा है जिसमें देशभर से 75 से अधिक ड्रोन स्टार्ट-अप भाग ले रहे हैं।
किसके द्वारा आयोजन किया जा रहा है?
- इसे भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया है।
- इस कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शित ड्रोनों को विभिन्न सैन्य और नागरिक क्षेत्र में उपयोग के लिए तैनात किया जा सकता है।
वर्ष 2030 तक भारत को प्रमुख ड्रोन केंद्र बनाने का लक्ष्य:
- हवाई और स्थैतिक प्रदर्शनों की एक श्रृंखला के माध्यम से अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करके, आईएएफ और डीएफआई 2030 तक भारत को प्रमुख ड्रोन केंद्र बनाने की सरकार की पहल को बढ़ावा देना चाहते हैं।
सी-295 एमडब्ल्यू परिवहन विमान को आईएएफ में शामिल किया:
- भारत ड्रोन शक्ति 2023 के उद्घाटन के बाद पहले सी-295 एमडब्ल्यू परिवहन विमान को औपचारिक रूप से आईएएफ में शामिल किया गया।
- इस समारोह में 'सर्व धर्म पूजा' और विमान की क्षमताओं पर संक्षिप्त जानकारी देना शामिल था।
एचएस-748 एवरो विमान के स्थान पर सी-295 एमडब्ल्यू को लाया जाएगा:
- बिना तैयार लैंडिंग ग्राउंड से उड़ान भरने और उतरने में सक्षम यह मध्यम लिफ्ट सामरिक विमान एचएस-748 एवरो विमान की जगह लेगा।
- कुल 56 अनुबंधित विमानों में से पहले 16 विमानों को भारतीय वायुसेना को उड़ने (फ्लाई-अवे) की स्थिति में मुहैया कराया जाएगा, जबकि शेष 40 विमानों का निर्माण भारत में वडोदरा स्थित टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड में किया जाएगा।
- इस विमान से सुसज्जित पहला आईएएफ स्क्वाड्रन 11 स्क्वाड्रन (द राइनोस) भी वडोदरा में स्थित है।
- इस कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री और गणमान्य व्यक्तियों को प्रदर्शनी में भारतीय वायुसेना के नवीनतम इन-हाउस नवाचारों के बारे में भी जानकारी दी गई।
- इसमें हाइब्रिड ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम, गलती निदान के लिए एआई इंजन, फ्लाई-बाय-वायर टेस्टर, स्थिर विद्युत आपूर्ति ट्रॉली, क्यूआर कोड आधारित टूल प्रबंधन प्रणाली और आधुनिक शिक्षण सहायक सामग्री जैसी परियोजनाएं शामिल की गई।
पृष्ठभूमि:
- वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल (एसीएम) वीआर चौधरी ने वायुसेना के लिए 13 सितंबर 2023 को स्पेन के सेविले स्थित एयरबस संयंत्र से पहला ‘सी-295 एमडब्लू’ परिवहन विमान प्राप्त किया था।
- उल्लेखनीय है कि सुरक्षा पर बनी कैबिनेट समिति ने 08 सितंबर, 2021 को मेसर्स एयरबस डिफेंस एंड स्पेस एस.ए., स्पेन से 56 सी-295एमडब्लू परिवहन विमान की खरीद को मंजूरी दी थी।
16 विमानों का निर्माण एयरबस द्वारा:
- अनुबंध के अनुसार, 16 विमान सेविले से उड़ान भरने की स्थिति में भारत आएंगे, जिसका निर्माण स्पेन की रक्षा एवं अंतरिक्ष कंपनी एयरबस द्वारा किया जाएगा। जबकि शेष 40 का निर्माण एयरबस द्वारा टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) के साथ संयुक्त रूप से किया जाएगा।
- गुजरात के वडोदरा में फाइनल असेंबली लाइन (एफएएल) स्थापित करने के लिए काम चल रहा है और भारत में निर्मित पहला विमान सितंबर 2026 तक तैयार कर लिया जाएगा।
- सी-295एमडब्लू विमान भारतीय इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से सुसज्जित है। सी-295 विमान भारतीय वायु सेना के पुराने एवरो-748 बेड़े की जगह लेगा।
कुल ₹22,000 करोड़ का सौदा:
- सितंबर 2021 में, रक्षा मंत्रालय ने 56 C-295MW परिवहन विमान की खरीद के लिए एयरबस और स्पेस SA, स्पेन के साथ ₹22,000 करोड़ के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
अगस्त 2031 तक भारत में सभी विमानों का निर्माण हो सकेगा:
- भारत में बनने वाले कुल 40 विमानों में पहली की आपूर्ति वर्ष 2026 में की जाएगी।
- 56वां और अंतिम विमान का निर्माण अगस्त 2031 तक पूर्ण होने की संभावना है।
विमान क्षमता:
- सी-295 एमडब्लू समकालीन तकनीक के साथ 5 से 10 टन क्षमता का एक परिवहन विमान है।
- अर्ध-तैयार सतहों से शॉर्ट टेक-ऑफ/लैंडिंग इसकी एक और विशेषता है।
- यह विमान भारतीय वायुसेना की रसद क्षमताओं को मजबूत करेगा।
- इसमें त्वरित प्रतिक्रिया और सैनिकों और कार्गो के पैरा ड्रॉपिंग के लिए एक रियर रैंप दरवाजा है।